Saturday, June 4, 2022

महालक्ष्मी मन्त्र तांत्रिकी प्रयोग
विशेष धन प्राप्ति के लिए
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51 दिन इस मन्त्र का जाप करने से मन को शांति मिलती है और धन के मार्ग खुलते है
यह मन्त्र स्कंदपुराण से लिया है।इस मंत्र के रचयिता महर्षि मार्केंडेय ने महामृत्युंजय मंत्र सहिंता में लिखा है कि इस मन्त्र के जाप से कभी धन की कमी नहीं होती। वास्तविक में यह मन्त्र नहीं महालक्ष्मी जी का स्तोत्र का भाग है .
मंगलवार, शुक्रवार को इस मंत्र की माला अन्य दिनों से दुगुनी करें। रविवार को दिन में 11.53 से 12. 44 के बीच भी एक माला जरूर करें। जबरदस्त परिवर्तन देखने को मिलेंगे .
विधि ;https://astronorway.blogspot.com/
१.एक नीबू के दो भाग करके उसका रस निकालें और नीबू का चिकना हिस्सा अंदर करके उन दोनों नीबू में देशी घी के दो दीपक जलाकर मन्त्र जपना शुरू करें।
२.मन्त्र अपनी नाभि पर ध्यान करके जाप करे
३. 1 या 3 सफेद पुष्प देवी व शिवलिंग पर चढ़ाएं।
४.जो लोग शेयर-सट्टा, आदि में भाग्य आजमाते हैं, उनके लिए यह अदभुत लाभ देगा।
५. देश में पड़े अनेकों पुराने जीर्ण-शीर्ण शिवालयों का जीर्णोद्धार करवाएं।https://astronorway.blogspot.com/
६.गरीब कन्याओं के अध्ययन में मदद करें। उनकी शादी करवाएं।https://astronorway.blogspot.com/
७.नन्दी, बैल, श्वान को खाना, फल आदि खिलाएं।
८.हर महीने की मास शिवरात्रि को किसी शिवलिंग का रुद्राभिषेक कराएं।https://astronorway.blogspot.com/
इस महालक्ष्मी मन्त्र की जितनी ज्यादा माला करेंगे उतना अधिक लाभकारी रहेगा। बस एक बार रोज नीबू में दीपक जलाकर मन्त्र को प्रतिदिन जागृत करके, फिर जपें . आप चाहे तो निचे दिए स्तोत्र को भी पढ़ सकते है .
नोट ; कर्म ही सफलता की कुंजी है .
नमस्तेस्तु महामाये श्री पीठे सुर पूजिते !
शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
नमस्तेतु गरुदारुढै कोलासुर भयंकरी !
सर्वपाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
सर्वज्ञे सर्व वरदे सर्व दुष्ट भयंकरी !
सर्वदुख हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
सिद्धि बुद्धि प्रदे देवी भक्ति मुक्ति प्रदायनी !
मंत्र मुर्ते सदा देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
आध्यंतरहीते देवी आद्य शक्ति महेश्वरी !
योगजे योग सम्भुते महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
स्थूल सुक्ष्मे महारोद्रे महाशक्ति महोदरे !
महापाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
पद्मासन स्थिते देवी परब्रह्म स्वरूपिणी !
परमेशी जगत माता महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
श्वेताम्भर धरे देवी नानालन्कार भुषिते !
जगत स्थिते जगंमाते महालक्ष्मी नमोस्तुते!!
महालक्ष्मी अष्टक स्तोत्रं य: पठेत भक्तिमान्नर:!
सर्वसिद्धि मवाप्नोती राज्यम् प्राप्नोति सर्वदा !!
एक कालम पठेनित्यम महापापविनाशनम !
द्विकालम य: पठेनित्यम धनधान्यम समन्वित: !!
त्रिकालम य: पठेनित्यम महाशत्रुविनाषम !
महालक्ष्मी भवेनित्यम प्रसंनाम वरदाम शुभाम !!
हर हर महादेव ...............................

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