वास्तु में प्रयुक्त विभिन्न चित्रों का प्रभाव
प्राचीन समय से ही वास्तु शास्त्र भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आया है। वास्तु शास्त्र द्वारा न केवल हमारे घर का नक्शा बनाने का ध्यान रखा जाता है, बल्कि उसमें अलग-अलग चित्रों के उपयोग से भी वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाया जा सकता है। इन चित्रों के उपयोग से हम अपने घर और कार्यस्थल के वास्तु को सुधार सकते हैं और खुशहाल जीवन जी सकते हैं। आइए, चलिए हम विभिन्न प्रकार के चित्रों के बारे में विस्तार से जानते हैं:
1. गणेश जी का चित्र:
गणेश जी को विधि-विधान से सभी कार्यों का विधानकर्ता माना जाता है। उनके चित्र को घर के मुख्य द्वार या पूजा कक्ष में स्थान देने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
2. लक्ष्मी जी का चित्र:
धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी जी के चित्र को धन क्षेत्र में या उत्तर दिशा में स्थान देने से वित्तीय समृद्धि में वृद्धि होती है।
3. सूर्य और चन्द्रमा का चित्र:
उदय और अस्त होने वाले सूर्य और चन्द्रमा के चित्र को पूर्व दिशा और पश्चिम दिशा में स्थान देने से घर को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और परिवार के सभी सदस्यों के स्वास्थ्य में सुधार होता है।
4. पक्षियों के चित्र:
घर में उड़ने वाले पक्षियों के चित्र को दक्षिण दिशा में या ईशान कोने पर स्थान देने से समृद्धि और सफलता का आगमन होता है।
5. नृत्य और संगीत के चित्र:
कला के क्षेत्र में रूचि रखने वाले लोगों के लिए नृत्य और संगीत से संबंधित चित्रों को पश्चिम दिशा में स्थान देना शुभ होता है और उनमें रचनात्मकता को बढ़ाता है।
6. धरोहरी चित्र:
धारोहरिक चित्रों को पूर्व दिशा या उत्तर-पूर्व दिशा में स्थान देने से परिवार के बंधुत्व के संबंध मजबूत होते हैं और उसमें संस्कृति का अभिवादन होता है।
7. ध्वजा का चित्र:
ध्वजा के चित्र को दक्षिण दिशा में या ईशान कोने में स्थान देने से घर में आनंद और शांति की भावना बनी रहती है। ध्वजा का प्रतीक यह भी दर्शाता है कि वहां वास्तु दोषों का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
8. प्राकृतिक चित्र:
प्रकृति से संबंधित चित्रों को पश्चिम दिशा में स्थान देने से वातावरण में शांति और स्वस्थ ऊर्जा का संचार होता है। पेड़-पौधों, नदियों, पहाड़ों और वनों के चित्र देखने से मन को शांति मिलती है और मनुष्य अपने स्वाभाविक रूप से जुड़ जाता है।
9. भगवान कृष्ण का चित्र:
श्रीकृष्ण को पश्चिम दिशा में या पूर्व दिशा में स्थान देने से परिवार में प्रेम और सांत्वना का वातावरण बना रहता है। इनके चित्र को अर्ध्यामा रूप में स्थान देने से सार्थकता और सफलता मिलती है।
10. सुंदरता से संबंधित चित्र:
खूबसूरती से संबंधित चित्रों को पूर्व दिशा में स्थान देने से घर के सभी कार्यों में समृद्धि और सफलता मिलती है। ऐसे चित्र देखने से व्यक्ति में उत्साह और उत्साह की भावना उत्पन्न होती है।
11. धन प्राप्ति से संबंधित चित्र:
धन कमाने और बढ़ाने से संबंधित चित्रों को उत्तर दिशा में स्थान देने से धन की वृद्धि होती है। इन चित्रों के दर्शन से व्यक्ति के मन में आर्थिक उन्नति के प्रति उत्साह उत्पन्न होता है।
12. बाघ या शेर का चित्र:
बाघ और शेर के चित्र को उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थान देने से सौभाग्य और सफलता की वृद्धि होती है। यह शक्तिशाली प्राणियों का प्रतीक होते हैं, जो अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता करते हैं।
वास्तु शास्त्र में उपयुक्त चित्रों का प्रयोग करके हम अपने घर और कार्यस्थल के वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा से पूर्ण बना सकते हैं। यह चित्र हमारे जीवन को सुख, समृद्धि, सम्मान और शांति से भर देते हैं। ध्यान रहे कि वास्तु के अनुसार, चित्रों का स्थान और उनके उपयोग करने के नियम होते हैं और उन्हें उसी तरह लगाना चाहिए.
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