Tuesday, May 31, 2022

ज्योतिष शास्त्र कहता है कि अगर कुंडली में किसी भाव में मंगल और शनि की युति हो रही है तो यह जातक के लिए काफी जानलेवा साबित होती है। ऐसी स्थिति में जातक के साथ बार बार हादसे होते हैं और काफी खून बहता है। 

दरअसल मंगल और शनि आपस में शत्रु हैं और इनका एक ही भाव में साथ युति करना किसी भी जातक के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक ही होता है। https://astronorway.blogspot.com/

मंगल औऱ शनि यह युति जीवन में बहुत ही नकारात्मक प्रभाव लेकर आती है। जिस कुंडली में शनि और मंगल की युति होती है वहां करियर और बिजनेस को सैट होने में दिक्कतें आती हैं।https://astronorway.blogspot.com/

शनि मंगल की युति यदि कुंडली के छठे या आठवें भाव में हो रही हो तो सेहत पर भारी पड़ता है। शनि मंगल का योग खास तौर से पेट से जुड़े मामलों की समस्या, जॉइंट्स पेन और सड़क हादसे जैसी परेशानियां होने लगती हैं।https://astronorway.blogspot.com/

मंगल औऱ शनि की युति पहले, चौथे, सातवें आठवें या 12वें भान में होने पर मंगल दोष को अधिक अमंगलकारी बनाता है, जिसके फलस्वरूप जातक के जीवन में विवाह संबंधी कठिनाइयां आती हैं।

अगर पहले यानी लग्न भाव में शनि-मंगल की युति हो रही हो तो जातक गलत फैसले करने वाला, भ्रम का शिकार, अहंकारी बन जाता है।https://astronorway.blogspot.com/

उपाय - 

ज्योतिष मंगल के अशुभ फल कम करने के लिए रक्तदान करने की सलाह देते हैं।
 इसके अलावा शनि और मंगल से जुड़ी वस्तुओं का दान करने की सलाह दी जाती है।https://astronorway.blogspot.com/
शनि और मंगल के मंत्रों का जाप स्वयं करना चाहिए। अगर समझ ना आए तो ब्राह्मण से करवा सकते हैं।
शनिदोष दूर करने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव को सरसों का तेल अभिषेक करें और पीपल के नीचे दीप जलाएं।https://astronorway.blogspot.com/

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